हंसती थी वो उसे अच्छा लगता था
उसका कहा हुआ हर एक शब्द उसे सच्चा लगता था।
रोता है वो अब की उसका प्यार उस लड़की के लिए था सिर्फ एक मखोल
पर इस सच्च ने उसकी आंखें दी खोल।
लगता था उसे जो प्यार वो तो सिर्फ उसके चेहरे से लगाव था
वो तो केवल चंद पलों का जज्बात था।
रुकना नहीं इतनी सी बात के लिए ये तो सिर्फ ज़िन्दगी का भाग है
तेरी ज़िन्दगी का ये एक दुख भरा राग है।
उठ जा पगले तुझे तो आगे बड़ना है
इन छोटी सी बातों से तुझे रोज लड़ना है।
हंसना सीख ले बोहत काम आएगा
वरना तू युही रोता रैह जाएगा।
जी ले ज़िन्दगी के दिन सिर्फ चार है
लड़की नही तो क्या तेरे पास तेरे घरवाले और यार है।
ये कुछ लम्हे तो खुशियो के चोर है
इतनी आसानी से ना तोड़ देना इसे ये ज़िन्दगी की डोर है।
Leave a Comment